बगरू। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की खातिर जब सभी जिलों की सीमाओं को सील कर दिया गया था तो दूसरे प्रदेश के लोगों को भी यहीं रुकना पड़ा था। जिले में अलग-अलग जगहों पर शेल्टर होम में रह रहे प्रवासियों को प्रशासन ने इनकी स्क्रीनिग कर रोडवेज बसों में बैठाकर गृह जिलों में भेज दिया गया। जाते वक्त प्रवासियों के चेहरे पर खुशी थी तो जुबां पर एक ही बात थी, थैंक्स बगरू-थैंक्स बगरू।बता दें कि कोरोना की चेन को तोड़ने की खातिर 24 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था, तब जो व्यक्ति जहां था, वहीं पर रोक दिया गया था, दूसरे प्रदेशों के लोग भी बगरू में फंस गए थे, प्रशासन द्वारा इन लोगों के रूकने, खाने-पीने की व्यवस्था के लिए शेल्टर होम बनाए गए थे, पिछले एक महीने से यहां रूके रहने के चलते इन प्रवासियों ने अपना क्वारंटाइन टाइम भी पूरा हो चुका है और इन प्रवासियों द्वारा बार-बार घर जाने की जिद्द की जा रही थी, जिसके चलते प्रशासन द्वारा इन प्रवासियों को अपने घरों पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की गई। प्रशासन ने शेल्टर होम में रुके प्रवासियों की लिस्ट तैयार की, कौन सा व्यक्ति किस राज्य के किस इलाके का है, उसके बाद इन्हें भेजने के लिए रोडवेज बसों की रूटेशन बनाई और राज्यसरकार के आदेशानुसार कस्बे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शेन्टर होम व दहमीकला स्कूल शेन्टर होम से 14 प्रवासीयो को जिनमे कस्बे के शेन्टर होम से तीन व दहमीकला शेन्टर होम से 11 लोगो को मध्यप्रदेश भेजा गया, शेन्टर होम प्रभारी नाहर सिंह व घनश्याम शर्मा ने बताया कि 30 मार्च से बुधवार तक 30 दिन से ये लोग यहां रुके हुए थे जिनकी समय-समय पर जांच की जाती थी और डॉक्टरस की रिपोर्ट के अनुसार भेजे गए सभी प्रवासी स्वस्थ है।
14 प्रवासियों को रोडवेज द्वारा भेजा घर , चेहरे पर खुशी थी के साथ कहा थैंक्स -थैंक्स बगरू