बेजुबान मवेशियों को चारा खिला रही युवाओं की टोली


बगरू। लॉकडाउन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर लोग अपने घरों में रहकर कोरोना के प्रसार को रोकने में अपनी सहयोग दे रहे हैं, इस परिस्थिति में दुकान, बाजार सब बंद है और हर रोज कमाने खाने वालों पर भी आफत आ गई है, सरकारी और सामाजिक सहयोग से ऐसे लोगों को भी सहायता की जा रही है, परंतु इन दिनों को अगर कोई मुश्किल में और जिसके समझ खाने का संकट है, वो है सड़कों पर घूमने वाले अवारा पशु जो भूख लगने पर बोल कर अपना दुःख भी नहीं जता सकते है। केवल आंखों से गिरते आंसू को देखकर उनकी मजबूरी और भूख को समझा जा सकता है, ऐसे हीं अमूक पशुओं के आवाज बनने की कोशिश युवाओं की टोली कर रही है। पियुष मेड़तवाल, रामफूल चैधरी, राहुल कुमावत, दिपक बौल्या सहित अन्य की यह टोली पिछले 25 दिनो से भोजन देने का काम कर रही है। सड़कों पर देर रात तक युवाओं की टोली कस्बे भर में घूम-घूम कर गायो को हरा चारा खिला रही है, वाहनो की मदद से पूरे कस्बे में शाम-सुबह 2-2 घंटे यह टोली काम कर रही है, गायों के साथ-साथ बेजुबान मवेशियों को भी भोजन कराने का जिम्मा इन्होंने उठाया है। भामाशाह व आपसी सहयोग के बदौलत अमुक पशुओं के लिए यह सेवा कार्य सोशल मीडिया में भी सुर्खियों बटोर रहा है और साधुवाद की पात्र बने है।