भोजन उपलब्ध करा निभा रहे मानवता का धर्म अब तक 42 हजार 600 भोजन के पैकेट व 150 राशन सामग्री कीट बांटे

 


बगरू। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन से प्रभावित गरीब, मजदूरों, असहाय व हाथ ठप्पा छपाई मजदूर और जरूरतमंदों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है, लोगों को चिन्हित कर उन्हें भोजन उपलब्ध करा मानवता का धर्म निभा रहे हैं, 30 मार्च से 15 अप्रैल तक भामाशाओं के सहयोग से लगभग 1500 भोजन के पैकेट प्रतिदिन व 16 अप्रैल से 3 मई तक भामाशाह पद्मश्री प्राप्त रामकिशोर छीपा व रोशन छीपा स्वयं 900 भोजन के पैकेट प्रतिदिन व सेवा इंटरनेशनल नई दिल्ली की संस्था के सहयोग से 4 मई से प्रतिदिन 850 भोजन के पैकेट जरूरतमंद को लगातार बांटे जा रहे है, छीपा का कहना है कि जब तक लॉकडाउन चलेगा, तब तक किसी भी व्यक्ति को भूखा नही सोने दिया जाएगा, लॉकडाउन से न केवल गरीब, असहाय व निचला तबका प्रभावित हुआ है, बल्कि ऐसे लोगों के समक्ष भी खाने-पीने की दिक्कत आ गई है, जो होटल, ढाबा व दालभात सेंटर के भरोसे अपना पेट भरते थे, बंद के कारण इन्हें दोनों वक्त भोजन नहीं मिल पा रहा था। इस विषम परिस्थिति में भामाशाह व संस्थाऐ सामने आए और उन्होंने लोगों को चिन्हित कर भोजन उपलब्ध कराने की पहल की, पद्मश्री रामकिशोर छीपा ने बताया कि लगभग अब तक 42 हजार 600 भोजन के पैकेट व सेवा भारती संस्था जयपुर के सहयोग से कस्बे में 150 राशन साम्रगी कीट वितरित किये जा चुके हैं, संस्थाओं ने निर्णय लिया है कि जब तक लॉकडाउन चलेगा, तब तक भोजन वितरण का काम निर्बाध रूप से जारी रहेगा।