कोरोना योद्धा के रूप में सच्ची सेवा कर रहे हैं ‘सफाई के सिपाही'


जान की परवाह किए बगैर कोरोना से जंग लड़ रहे सफाई कर्मचारियों के जज्बे को प्रणाम !



केकड़ीअजमेर।@दहशत का दूसरा नाम बन चुके कोरोना वायरस के डर के चलते जहां समूचा देश घरों में कैद है तो वहीं इस मुश्किल वक़्त में सफाई कर्मचारी अपनी जान की परवाह किये बिना सफाई करने के लिए सड़कों, गली-मौहल्लों में मुस्तैदी से डटे हुए हैं। इनमे महिला सफाई कर्मियों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है, क्योंकि उन्हें इन दिनों आसमान से बरसती आग के बीच न सिर्फ पहले के मुकाबले ज़्यादा ड्यूटी करनी पड़ रही है, बल्कि फ़र्ज़ को अंजाम देकर घर लौटने के बाद उन्हें घर की ज़िम्मेदारी भी निभानी पड़ रही है। महिला सफाई कर्मचारियों ने बातचीत के दौरान बताया कि कोरोना के खतरे के बीच काम करते हुए उन्हें डर तो लगता है, लेकिन देश पर आई मुसीबत के मुश्किल वक्त में वह कोरोना सिपाही की भूमिका अदा करते हुए वह खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। लॉकडाउन में जहां लोग अपने घरों में हैं, वहीं सफाई कर्मचारी शहर, कस्बे व गांवों को साफ सुथरा करके कोरोना वायरस के खतरे को कम करने में जुटे हैं। ये सफाई कर्मचारी जनता के लिए खुद की परवाह किए बगैर मुस्तैद होकर ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना वायरस को मात देने के लिए ये ‘सफाई के सिपाही' सच्ची सेवा कर रहे हैं। एक तरह से कोरोना योद्धा के रूप में सीधी जंग लड़ रहे हैं सफाई कर्मचारी। सुबह-शाम सड़क, नाली और कूड़ेदान साफ करने वाले इन सफाई कर्मियों के जज्बे को देशवासी सलाम कर रहे हैं। इसी क्रम में जगह-जगह आमजन इन सफाई के सिपाहियों पर पुष्प वर्षा कर इनका अभिनन्दन कर रहे हैं, वाकई ऐसे कर्तव्यनिष्ठ कोरोना योद्धाओं को प्रणाम ! उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के बीच जोखिम लेते हुए नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका व ग्राम पंचायतों के सफाई कर्मचारी अपने काम को पूरी निष्ठा व जिम्मेदारी से बखूबी अंजाम दे रहे हैं। लाखों सफाई कर्मचारी हर शहर, कस्बों में सफाई अभियान और सेनेटाइजर के छिड़काव में लगे हैं। इन सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय निकाय के अधिकारी भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। सफाई कर्मचारी रोजाना सुबह 5 बजे से सड़कों और नालियों की सफाई करते देखे जा सकते हैं। इसके अलावा गली, मोहल्लों को सेनेटाइज करने के लिए छोटी स्प्रे मशीन कंधे में रखकर सफाई कर्मचारी छिड़काव के काम में जुटे हैं। सड़कों के अलावा अस्पताल, मेडिकल स्टोर, किराने की दुकानों सहित सार्वजनिक स्थलों को भी सेनेटाइज किया जा रहा है। हर शहर, कस्बे व गांवों में कोरोना के खतरे को कम करने के लिए युद्धस्तर पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है। सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त मास्क, दस्ताने जैसी सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराई गई है। कई जगहों पर मास्क, दस्ताने व अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं होने के बावजूद अपने स्तर पर सुरक्षा के इंतजाम करके भी ये सफाई के सिपाही अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं। हालांकि सरकार द्वारा इनकी सुरक्षा के मद्देनजर कुछ आर्थिक सहायता भी दी जा रही है, लेकिन इनके काम के आगे वह बहुत मामूली है। शहरों, कस्बों में घर-घर से कूड़ा उठाने के लिए भी सफाई कर्मचारी लगे हैं, जो टेम्पो, रिक्शा व हाथ ट्रॉलियों से घरों में जाकर कचरा एकत्रित करने का काम कर रहे हैं। घरों से कचरा एकत्रित करने वाले सफाईकर्मी भी शहर को साफ करने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। एक पर्यावरण मित्र का कहना है कि कोरोना के खत्म करने के लिए सफाई बहुत जरूरी है। नालियों के कीचड़ से संक्रामक रोग फैलने की आशंका ज्यादा रहती है, जिसे उठाया जा रहा है। रोज काम का टारगेट दिया जाता है। उसी के हिसाब से सफाई का काम करते हैं। पर्यावरण मित्र का कहना है कि जनता के हित में अपनी जिम्मेदारी को निभा रहा हूं। अगर, सफाई से कोरोना का संकट टलेगा तो बहुत खुशी होगी। हम लोग रोजाना सुबह और शाम को सफाई का काम करते हैं। गौरतलब है कि जान जोखिम में डाल काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को भी ‘कोरोना योद्धाओं’ की तरह सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलना चाहिए। जैसे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पुलिस व प्रशासन आमजन को सुरक्षित रखने के लिए यह जंग लड़ रहे हैं उसी प्रकार सफाई कर्मचारी भी इस जंग में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। सरकार ने इन सभी को कोरोना फाइटर्स का नाम दिया है। इन कोरोना फाइटर्स में से सफाई कर्मचारी आर्थिक रूप से सबसे कमजोर वर्ग से आते हैं। इसे लेकर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से इनकी विशेष मदद करने की अपील की है। हालांकि सरकार ने ताजा हालात को देखते हुए सफाई कर्मचारियों को भी अन्य कोरोना फाइटर्स के बराबर मानते हुए 50 लाख रुपये की बीमा राशि का अधिकार दिया है जो सफाई कर्मियों के लिए राहत की बात है।  सुरक्षा की दृष्टि से सभी सफाई कर्मचारियों को मास्क, सैनेटाइजर और दस्ताने भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने चाहिए, कई स्थानों पर बिना किसी सुरक्षा संसाधनों के ये सफाई के सिपाही कर्तव्यनिष्ठा के साथ सफाई कार्य को अंजाम दे रहे हैं वो भी अपनी जान की परवाह किए बगैर। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि सफाई कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा के संसाधन उपलब्ध कराए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सफाई कर्मचारियों को सबसे बड़ा योद्धा बताया है। हमारी आमजन से अपील है कि वे सभी अपने स्तर पर भी सफाई का ख्याल रखें और इन सफाई के सिपाहियों का ख्याल रखते हुए इन्हें चाय-पानी, भोजन उपलब्ध कराएं। हम सब मिलकर कोरोना को देश से भगायेंगे !